लगातार बढ़ रहे ठंड और कोरोना के नए वैरिएंट आने के कारण बिहार में स्कूल को ऑनलाइन कराया जा सकता है। खबर मिल रही है कि स्कूल को कभी भी ऑनलाइन मोड पर किया जा सकता है। विभाग ने आदेश जारी करके बताया कि सभी निजी स्कूलों को ऑनलाइन क्लास का विकल्प तैयार करने को कहा है। प्राइवेट विद्यालयों के सभी छात्र छात्राओं को ऑनलाइन मोड में पढ़ाई के विकल्प को लेकर जारी किए गए आदेश से यह बात साफ है कि कभी भी स्कूलों को बंद कराया जा सकता है। दरअसल, पटना में जिला शिक्षा पदाधिकारी ने इस आदेश का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिए है। वहीं बीमार बच्चों को ऑफलाइन क्लास से पूरी तरह से अलग रखने का आदेश दिया गया है।
बताया जा रहा है कि गृह विभाग की विशेष शाखा ने आदेश जारी करके कहा है कि जिसमें स्कूलों के एसओपी के तहत विद्यालयों को पहली से 12वीं क्लास तक को सामान्य रूप से खोले जाने का निर्देश दिया गया है। वहीं विद्यालयों में संचालित पठन पाठन एवं बच्चों के मूल्यांकन और अभिभावकों के साथ होने वाली बैठक तथा आने वाले माह में निजी विद्यालयों द्वारा नामांकन की प्रक्रिया को प्रारंभ करने को ध्यान में रखकर यह आवश्यक होगा कि स्कूलों में विशेष सावधानी बरती जाए। जबकि जिला शिक्षा पदाधिकारी अमित कुमार ने आदेश जारी करते हुए कोरोना को लेकर निजी स्कूलों को अलर्ट मोड पर रहने को कहा है।
गौरतलब है कि अब निजी स्कूलों को इस नियम का सख्त पालन करना होगा। पहला, स्कूलों में कोरोना की गाइडलाइन का पूरी तरह से पालन कराया जाए। वहीं कोविड गाइडलाइन के तहत जारी एसओपी का कड़ाई से पालन कराया जाए। कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन का ध्यान में रखकर मास्क पहनना जरुरी हो। सभी छात्र-छात्राओं के साथ विद्यालय कर्मियों के लिए मास्क का उपयोग एवं हैन्ड सैनिटाइजेशन किया जाए। स्कूलों में ऑनलाइन माध्यम से शिक्षण / मूल्यांकन की व्यवस्था के विकल्प को उपलब्ध कराया जाए। ऑफलाइन शिक्षण व्यवस्था के तहत यह जरूरी होगा कि विद्यालय के सभी छात्रों को टीका लगा हो। विद्यालय में काम करने वाले सभी वयस्क कर्मियों को कोविड -19 का टीकाकरण हर हाल में हुआ हो। वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बाद ही कर्मी स्टॉफ को विद्यालय परिसर में प्रवेश की अनुमति दी जाए। उसके बाद प्रतिदिन विद्यालय परिसर, वाहनों को सैनिटाइजेशन हर हाल में कराया जाए। विद्यालय में नामांकित छात्र-छात्राओं की तबीयत जरा भी खराब होने पर तुरंत एक्शन लिया जाए। जबकि बीमार बच्चों को ऑफलाइन शिक्षण व्यवस्था से पूरी तरह से अलग रखा जाए।