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देश के टॉप बिजनेसमैन मुकेश अंबानी की दौलत में हुई बड़ी वृद्धि

मुकेश अंबानी की दौलत 208 बिलियन डॉलर के करीब है। वे नहीं चाहते हैं कि इतनी बड़ी दौलत के बंटवारे को लेकर उनके तीन बच्चों के बीच किसी तरह का विवाद हो। गौरतलब है कि साल 2002 में जब धीरूभाई अंबानी का देहांत हुआ था, उसके बाद मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी के बीच संपत्ति बंटवारे को लेकर विवाद हो गया था। सालों तक चले इस विवाद में आखिरकार उनकी मां आनंदीबेन ने दोनों भाइयों का बंटवारा कर दिया और स्टेकहोल्डर्स के विरोध के बावजूद बॉम्बे हाईकोर्ट ने उस बंटवारे पर मुहर लगा दी।


रिपोर्ट के मुताबिक, साल 1992 में वॉलमार्ट इंक कंपनी के फाउंडर सैम वॉल्टन की मौत के बाद जिस तरह उनके कारोबार के बंटवारे को प्रबंधित किया गया था, वह मुकेश अंबानी को काफी अच्छा लगा है। दुनिया के सबसे अमीर परिवारों में से एक वॉल्टन परिवार ने 1988 से ही कंपनी के कारोबार को हर दिन के हिसाब से मैनेजरों के हाथ सौंप दिया था और इस पर नजर रखने के लिए एक बोर्ड बनाया था। सैम के सबसे बड़े पुत्र रॉब वॉल्टन और उनके भतीजे वॉलमार्ट बोर्ड में शामिल हैं। सैम ने अपनी मौत से 40 साल पहले 1953 में ही उत्तराधिकार योजना पर काम करना शुरू कर दिया था। उन्होंने अपने पारिवारिक कारोबार का 80 फीसदी हिस्सा अपने चार बच्चों को दे दिया था।


रिपोर्ट के अनुसार, ऐसा माना जा रहा है कि मुकेश अंबानी अपनी दौलत को एक ट्रस्ट को ट्रांसफर करेंगे। इस ट्रस्ट के पास रिलायंस इंडस्ट्रीज का मालिकाना हक होगा। इसमें मुकेश अंबानी, पत्नी नीता अंबानी, तीनों बच्चे आकाश, अनंत और ईशा का स्टेक होगा। यानी 64 वर्षीय भारतीय टाइकून की पसंदीदा योजना वॉलमार्ट इंक के वाल्टन परिवार के साथ तत्वों को साझा करती है। मुकेश अंबानी के कुछ खास लोगों को ट्रस्ट का एडवाइजर नियुक्त किया जाएगा। माना जा रहा है कि बोर्ड का मैनेजमेंट बाहर से नियुक्त किए गए पेशवर लोगों के हाथ में ही होगा।

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