2024 में होने वाले चुनावों को लेकर विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी को शिकस्त देने के लिए एक तरफ समूचित चेहरा तैयार करने की कोशिशों में लगे हुए हैं तो दूसरी तरफ पार्टियों के बीच आपस में ही मतभेद उत्तपन्न होने लगे हैं। दरअसल, तृणमूल कांग्रेस पार्टी के मुखपत्र जागो बांग्ला में छपे एक आर्टिकल से विफक्षी दलों के बीच रार पैदा कर दी है। इस आर्टिकल के माध्यम से टीएमसी ने दावा किया है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वायनाड से सांसद राहुल गांधी प्रधानमंत्री के वैकल्पिक रुप में उभरने में नाकाम साबित हुए हैं जबकि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पीएम पद की जायज उम्मीदवार हैं।
राहुल गांधी पर किए गए इस तंज ने विपक्षी दलों के बीच रार को जन्म दे दिया है। जिसके बाद प्रदेश कांग्रेस की ओर से जारी किए गए स्टेटमेंट में टीएमसी के इस कदम को भाजपा समर्थित कदम बताया गया है। वहीं, टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने बढ़ते विवाद पर सफाई देते हुए कहा है कि पार्टी कांग्रेस की अनदेखी नहीं कर रही, केवल यह कह रही है कि ममता बनर्जी पीएम मोदी का मुकाबला करने के लिए संभावित विपक्षी चेहरा हो सकती हैं।
गौरतलब है, जागो बांग्ला के इस संस्करण में टीएमसी सांसद सुदीप बंदोपाध्याय के हवाले का एक बयान छपा है. इस बयान में उन्होंने कहा है कि ‘राहुल गांधी विफल रहे, ममता वैकल्पिक चेहरा हैं।’ इसमें आगे लिखा है कि देश एक मजबूत वैकल्पिक चेहरे की तलाश कर रहा है। मैं राहुल गांधी को लंबे समय से जानता हूं, लेकिन मुझे कहना होगा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वैकल्पिक चेहरे के रूप में उभरने में फेल रहे हैं। लेकिन ममता बनर्जी एक वैकल्पिक चेहरे के रूप में उभरने में सफल रही हैं। वरिष्ठ सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने आगे कहा, ‘हम कांग्रेस के बगैर गठबंधन की बात नहीं कर रहे हैं। लेकिन पूरा देश ममता को चाहता है, इसलिए हम ममता का चेहरा रखेंगे और प्रचार अभियान चलाएंगे।
वहीं, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद अधीर रंजन चौधरी ने टीएमसी के इस कृत्य की निंदा करते हुए पार्टी पर सौदेबाजी का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि दीदी बिना किसी दल से सलाह लिए अन्य दलों को अपमानित कर रही हैं। दीदी टीएमसी को पार्टी के मुखपत्र में लिखने के लिए कह रही हैं कि वह प्रधानमंत्री बनना चाहती हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। हम इस स्टैंड का कड़ा विरोध कर रहे हैं।
टीएमसी के मुखपत्र में छपे आर्टिकल से विपक्ष की एकता में आई दरार
