उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दल तैयारियों में जुट गए हैं। चुनाव में करीब 6 महीने से कम का समय बचा हुआ है। ऐसे में प्रदेश की जनता को लुभाने का सिलसिला एक बार फिर चालू होता नजर आ रहा है। बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती को चुनावों के नजदीक आते ही गरीबों और बेरोजगारों की चिंता सताने लगी है। भाजपा सरकार के साढ़े चार साल के कार्यकाल के दौरान विपक्ष की भूमिका से गायब रहनी वाली बसपा सुप्रीमो एक बार फिर नजर आने लगी हैं। दरअसल उन्होंने गरीबी, मंहगाई और बेरोजगारी के मुद्दे को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। जनता से कोसों दूर बैठी मायावती ने बुधवार को ट्वीट कर गिरती अर्थव्यवस्था पर सरकार की विफलता पर प्रश्न उठाया है। उन्होंने लिखा, “कोरोना लॉकडाउन और फिर इस महामारी के अति-घातक होने से केवल सामान्य जीवन ही अस्त-व्यस्त व त्रस्त नहीं हुआ है बल्कि देश की पूरी अर्थव्यवस्था भी काफी चरमरा गई है तथा बढ़ती गरीबी, बेरोजगारी व महंगाई आदि सभी को विचलित कर रही है फिर भी सरकारें उतनी गंभीर नहीं लगती हैं, अति-दुःखद”। उन्होंने आगे लिखा, “सरकारें अपने स्वार्थ व द्वेष को त्याग्ने के लिये भी तैयार नहीं हैं। जनता को जानलेवा जंजाल से मुक्ति दिला पाना कैसे संभव है।”
चुनाव पास आते ही बसपा सुप्रीमो को सताने लगी बेरोजगारों और गरीबों की चिंता, किया ट्वीट
