देशभर में कोरोना से हड़कंप मचा हुआ है। जनता के बीच स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खुलकर प्रस्तुत हो चुकी है। कहीं मरीज ऑक्सीजन की किल्लत से मर रहे हैं तो कई अस्पतालों में बेड न मिलने के कारण अपनी जान गंवा रहे हैं। संकट की इस स्थिति में सरकार की प्राथमिकताओं पर प्रश्नचिह्न उठना लाज़मी है क्यूंकि दिन ढलने के साथ ही साथ करीब 4000 जिंदगियां रोज़ खत्म हो रही हैं जबकि करीबन 4 लाख नए केस रोज दर्ज किए जा रहे हैं।
इसी बीच मोदी सरकार की नीतियों का सदैव पक्ष लेने वाले अभिनेता अनुपम खेर के सुर बदलते नज़र आ रहे हैं। बुधवार को एक साक्षात्कार के दौरान उन्होंने कहा,”कोविड की दूसरी लहर के मद्देनजर देश में जो कुछ हो रहा है उसके लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराना जरूरी है। अधिकारियों की सार्वजनिक आलोचना ‘कई मामलों में वैध’ है।” एफटीआईआई के पूर्व चेयरपर्सन अनुपम खेर ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “इस समय सरकार को समझना चाहिए कि अभी छवि बनाने से ज्यादा जरूरी जीवन बचाना है।”
बता दें कि देश में हर दिन ऑक्सीजन संकट के कारण कोविड पॉजिटिव मरीज दम तोड़ रहे हैं। रोज़ाना तेज़ी से बढ़ रहे आंकड़े चिंता का सबब बने हुए हैं। राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अभिनेता ने अन्य राजनीतिक दलों पर उंगली उठाते हुए कहा, “कई मामलों में आलोचना वैध है…कोई अमानवीय व्यक्ति ही नदियों में बहती लाशों से प्रभावित नहीं होगा।” उन्होंने कहा, “लेकिन दूसरी पार्टियों का इसका अपने लाभ के लिए इस्तेमाल करना, मेरे विचार में ठीक नहीं है। मेरे हिसाब से, लोगों के तौर पर हमें गुस्सा आना चाहिए। जो हो रहा है उसके लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराना जरूरी है। कहीं न कहीं उनसे चूक हुई है। उनके लिए समझने का वक्त है कि छवि निर्माण से जरूरी और भी बहुत कुछ है।”
अनुपम खेर के बदले सुर, मोदी सरकार पर साधा निशाना
